दर्द वह नही जो तेरा है ...
दर्द वह भी नही जो मेरा है ...
दर्द को अपनी उल्फत ना समझो ...
दर्द वह इबादत है जो दूसरो का हो तो हमारा है ..
कितनी पास होकर भी दूर हो तुम ...
दिल का एहसास होकर भी मजबूर हो तुम ...
ना समझ सके जो मेरे दिल की चाह ...
क्या मेरे दिल का सिर्फ़ एक फितूर हो तुम ...
तेरा दिल जो चाहे वह मैं नही जानता ...
मेरा दिल क्या चाहे उससे तू अनजान है ...
मैंने ही कहा खुशी दी है तुझको ...
जो तुझसे खुशी पाने का अरमान है ...
प्यार ना कहे कर ना किया जाए तो नागुवार लगता है ...
प्यार कहे कर ना किया जाए तो दुशवार लगता है ...
प्यार कहा जाए और किया जाए तो गुलज़ार लगता है ...
प्यार ना कहे कर किया जाए तो प्यार लगता है ...
मुझे अपने लिए जीना नही आता ...
मैं अपने लिए जीना नही चाहता ...
चाहता हूँ प्यार जो मेरी इस चाहत को अपना सके ...
खता तो उसकी भी नही जो उसने जीना चाहा ...
खता तो मैंने की जो उसको ना समझ पाया ...
- एन के जे
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Tuesday, May 27, 2008
Dard
दर्द वह नही जो तेरा है ...
दर्द वह भी नही जो मेरा है ...
दर्द को अपनी उल्फत ना समझो ...
दर्द वह इबादत है जो दूसरो का हो तो हमारा है ..
कितनी पास होकर भी दूर हो तुम ...
दिल का एहसास होकर भी मजबूर हो तुम ...
ना समझ सके जो मेरे दिल की चाह ...
क्या मेरे दिल का सिर्फ़ एक फितूर हो तुम ...
तेरा दिल जो चाहे वह मैं नही जानता ...
मेरा दिल क्या चाहे उससे तू अनजान है ...
मैंने ही कहा खुशी दी है तुझको ...
जो तुझसे खुशी पाने का अरमान है ...
प्यार ना कहे कर ना किया जाए तो नागुवार लगता है ...
प्यार कहे कर ना किया जाए तो दुशवार लगता है ...
प्यार कहा जाए और किया जाए तो गुलज़ार लगता है ...
प्यार ना कहे कर किया जाए तो प्यार लगता है ...
मुझे अपने लिए जीना नही आता ...
मैं अपने लिए जीना नही चाहता ...
चाहता हूँ प्यार जो मेरी इस चाहत को अपना सके ...
खता तो उसकी भी नही जो उसने जीना चाहा ...
खता तो मैंने की जो उसको ना समझ पाया ...
- एन के जे
दर्द वह भी नही जो मेरा है ...
दर्द को अपनी उल्फत ना समझो ...
दर्द वह इबादत है जो दूसरो का हो तो हमारा है ..
कितनी पास होकर भी दूर हो तुम ...
दिल का एहसास होकर भी मजबूर हो तुम ...
ना समझ सके जो मेरे दिल की चाह ...
क्या मेरे दिल का सिर्फ़ एक फितूर हो तुम ...
तेरा दिल जो चाहे वह मैं नही जानता ...
मेरा दिल क्या चाहे उससे तू अनजान है ...
मैंने ही कहा खुशी दी है तुझको ...
जो तुझसे खुशी पाने का अरमान है ...
प्यार ना कहे कर ना किया जाए तो नागुवार लगता है ...
प्यार कहे कर ना किया जाए तो दुशवार लगता है ...
प्यार कहा जाए और किया जाए तो गुलज़ार लगता है ...
प्यार ना कहे कर किया जाए तो प्यार लगता है ...
मुझे अपने लिए जीना नही आता ...
मैं अपने लिए जीना नही चाहता ...
चाहता हूँ प्यार जो मेरी इस चाहत को अपना सके ...
खता तो उसकी भी नही जो उसने जीना चाहा ...
खता तो मैंने की जो उसको ना समझ पाया ...
- एन के जे
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