क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
क्यों आज इस दुनिया में प्यार भी है बिकता
क्यों इंसानों ने इंसानों की कीमत है लगाई
क्यों आज खुशियों में बजती नही शेहनाई
क्यों नही बहता झरना आज किसी की प्यास भुझा पता
क्यों सिर्फ़ मुसीबत की घड़ी में है खुदा याद आता
क्यों मजबूरन आज मैं इतना कुछ लिखता
क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
यह कविता मैंने १४ अक्टूबर २००३ में लिखी मैं कुछ दिनों से अपने लेख ढूँढ रहा था अपने कंप्यूटर में और आज भाग्ये से मैं इसको ढूँढ पाया और इसको ब्लॉग में प्रकाशित कर रहा हूँ ना जाने क्यों अपनी सारी कृतिया ब्लॉग पर डालना चाहता हूँ शायद इसलिए ताकि एक जगह पर आसानी से इन सबको फुरसत के क्षणों में पड़ पाऊं
अभी आगे मैं अपनी सारी कृतिया यहाँ पोस्ट करूँगा !
-एन के जे
Saturday, May 31, 2008
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Saturday, May 31, 2008
Kadva sach
क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
क्यों आज इस दुनिया में प्यार भी है बिकता
क्यों इंसानों ने इंसानों की कीमत है लगाई
क्यों आज खुशियों में बजती नही शेहनाई
क्यों नही बहता झरना आज किसी की प्यास भुझा पता
क्यों सिर्फ़ मुसीबत की घड़ी में है खुदा याद आता
क्यों मजबूरन आज मैं इतना कुछ लिखता
क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
यह कविता मैंने १४ अक्टूबर २००३ में लिखी मैं कुछ दिनों से अपने लेख ढूँढ रहा था अपने कंप्यूटर में और आज भाग्ये से मैं इसको ढूँढ पाया और इसको ब्लॉग में प्रकाशित कर रहा हूँ ना जाने क्यों अपनी सारी कृतिया ब्लॉग पर डालना चाहता हूँ शायद इसलिए ताकि एक जगह पर आसानी से इन सबको फुरसत के क्षणों में पड़ पाऊं
अभी आगे मैं अपनी सारी कृतिया यहाँ पोस्ट करूँगा !
-एन के जे
क्यों आज इस दुनिया में प्यार भी है बिकता
क्यों इंसानों ने इंसानों की कीमत है लगाई
क्यों आज खुशियों में बजती नही शेहनाई
क्यों नही बहता झरना आज किसी की प्यास भुझा पता
क्यों सिर्फ़ मुसीबत की घड़ी में है खुदा याद आता
क्यों मजबूरन आज मैं इतना कुछ लिखता
क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
क्यों खुली आंखों से आज सच नही दिखता
यह कविता मैंने १४ अक्टूबर २००३ में लिखी मैं कुछ दिनों से अपने लेख ढूँढ रहा था अपने कंप्यूटर में और आज भाग्ये से मैं इसको ढूँढ पाया और इसको ब्लॉग में प्रकाशित कर रहा हूँ ना जाने क्यों अपनी सारी कृतिया ब्लॉग पर डालना चाहता हूँ शायद इसलिए ताकि एक जगह पर आसानी से इन सबको फुरसत के क्षणों में पड़ पाऊं
अभी आगे मैं अपनी सारी कृतिया यहाँ पोस्ट करूँगा !
-एन के जे
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