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Saturday, June 7, 2008

insaani sach

भाई को भाई से लड़वा देता है पैसा
बच्चो को माँ बाप से अलग कर देता है पैसा
हे खुदा तुने यह इंसान बनाया कैसा
तुझे भी बेचकर खा जाए
इंसान है ऐसा
पैसा खुदा है इमान है पैसा
मरने के बाद भी इसकी जान है पैसा

गर होता सब कुछ झूट से
तो सच क्यों बोलता कोई
गर मिलता सब कुछ चोरी से
तो मेहनत क्यों करता कोई
गर होता सब कुछ नफरत से
तो प्यार क्यों करता कोई
गर प्यार ना होता सबसे ऊपर
तो इसकी पूजा क्यों करता कोई

- एन के जे

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Saturday, June 7, 2008

insaani sach

भाई को भाई से लड़वा देता है पैसा
बच्चो को माँ बाप से अलग कर देता है पैसा
हे खुदा तुने यह इंसान बनाया कैसा
तुझे भी बेचकर खा जाए
इंसान है ऐसा
पैसा खुदा है इमान है पैसा
मरने के बाद भी इसकी जान है पैसा

गर होता सब कुछ झूट से
तो सच क्यों बोलता कोई
गर मिलता सब कुछ चोरी से
तो मेहनत क्यों करता कोई
गर होता सब कुछ नफरत से
तो प्यार क्यों करता कोई
गर प्यार ना होता सबसे ऊपर
तो इसकी पूजा क्यों करता कोई

- एन के जे

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